Wednesday 31 December 2014

2014 भारत: क्या-क्या रहा ख़ास


2014 भारत: क्या-क्या रहा ख़ास..





इस साल भारत को एक नया प्रधानमंत्री और नोबल पुरस्कार मिला. साथ ही देश ने मंगल की कक्षा में सफलता पूर्वक एक सैटेलाइट स्थापित किया.

साल 2014 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया.

लेकिन, इनके अलावा कुछ दुखद घटनाएं भी सुर्खियों में रहीं. भारत प्रशासित कश्मीर में भयानक बाढ़ आई तो विभिन्न क्षेत्रों के कई नामी लोग इस वर्ष हमारे बीच नहीं रहे.
साल भर सुर्खियों में रही घटनाएँ -
मोदी की जीत

मई में हुए आम चुनावों में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिली. भारत में पिछली 30 साल में पहली बार किसी दल को अपने दम पर स्पष्ट बहुमत मिला.

एलके आडवाणी और एमएम जोशी जैसे वयोवृद्ध नेताओं को नज़रअंदाज़ किए जाने के बावजूद और अन्य दलों के भारी विरोध के बीच मोदी ने अमरीकी चुनावों की तर्ज पर प्रचार करते हुए भाजपा को जीत दिलाई.

महत्वपूर्ण है कि गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर उनके 'विवादास्पद रिकॉर्ड,' उनके कार्यकाल में हुए 2002 के गुजरात दंगों में एक हज़ार लोगों के मारे जाने (जिनमें अधिकतर मुसलमान थे) के बावजूद उनके नेतृत्व में भाजपा को बहुमत मिला और वे 26 मई को प्रधानमंत्री बने.

कांग्रेस को मिली ऐतिहासिक हार और लोकसभा में उसकी सीटों का आंकड़ा 44 पर पहुँच गया.
केजरीवाल का इस्तीफ़ा

दिल्ली विधानसभा में शानदार प्रदर्शन (28 सीटें) के बाद कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बने अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से केवल 49 दिनों बाद इस्तीफ़ा दे दिया.

विधानसभा में भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल विधेयक पारित करवाने की कोशिश में कांग्रेस और भाजपा से समर्थन न मिलने की वजह से केजरीवाल ने सत्ता छोड़ दी थी.

लेकिन लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) महज चार सीटें जीत सकी.

विश्लेषकों का कहना है कि आम चुनाव में इस झटके का एक अहम कारणअरविंद केजरीवाल का दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना था.

'आप' का उदय 2011 में उठे भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद हुआ था, जिसने असर देश में कई जगहों पर देखने को मिला था.

पिछली फ़रवरी में विधानसभा में भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक न पास हो पाने के बाद केजरीवाल ने सत्ता छोड़ दी थी.
मंगल मिशन

अंतरिक्ष तकनीक में भारत को बड़ी सफलता 2014 में मंगल मिशन के रूप में मिली. भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन - मंगलयान ने 24 सितम्बर को लाल ग्रह की कक्षा में चक्कर लगाना शुरू कर दिया.

पहली ही कोशिश में मंगल की कक्षा में सफलता पूर्वक अपने सैटेलाइट स्थापित करने वाला भारत दुनिया पहला देश बना गया.

इस मिशन की सफलता और अपनी विशेषज्ञता के लिए भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन (इसरो) को सभी देशों से तारीफ़ मिली.

सफल मंगल मिशन चलाने वाले देशों की सूची में अमरीका, रूस और यूरोप के बाद भारत का नाम भी जुड़ गया.
नोबल पुरस्कार

यह साल इसलिए भी याद किया जाएगा क्योंकि भारतीय बाल अधिकार कार्यकर्ताकैलाश सत्यार्थी को पाकिस्तान की शिक्षा कार्यकर्ता मलाला यूसुफ़ज़ई के साथ नोबल पुरस्कार मिला.

साठ वर्षीय सत्यार्थी एक गैर-सरकारी संस्था 'बचपन बचाओ आंदोलन' चलाते हैं जो भारत में बालश्रम को रोकने के लिए काम करती है.

सत्यार्थी की पहल से भारत में बंधुआ मज़दूरी करने वाले 80,000 से ज़्यादा बच्चों को मुक्ती दिलाने में मदद मिली.

पुरस्कार समारोह के दौरान सत्यार्थी ने कहा, "अपने बच्चों को सपने देखने से रोकने से बड़ी कोई हिंसा नहीं है. मैं इस बात को मानने से इनकार करता हूं किगुलामी का बंधन आज़ादी की तमन्ना से अधिक मजबूत हो सकता है."
पोलियो मुक्त भारत

पोलियो के खिलाफ़ भारत का लंबा संघर्ष अंततः मार्च में सफल हुआ. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आधिकारिक रूप से भारत को 'पोलियो मुक्त' देश का दर्जा दे दिया.

विश्लेषकों के अनुसार, भारत की ख़स्ताहाल सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए यह उपलब्धि महत्वपूर्ण है.

पोलियो के खिलाफ़ मिली इस सफलता का श्रेय उन स्वास्थ्य महकमों और टीकाकरण टीमों की अथक कोशिशों को दिया गया, जिन्होंने एक दशक तक व्यापक अभियान चलाया.
कश्मीर में बाढ़

भारत प्रशासित कश्मीर में सितम्बर में आई भयानक बाढ़ से कम से कम 270 लोगों की मौत हो गई, जबकि हजारों अब भी बेघर हैं.

राज्य में बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य के लिए भारतीय सुरक्षा बलों को लगाया गया था.

पिछले 60 सालों में आई इस सबसे भयानक बाढ़ में पूरे के पूरे गांव डूब गए और भारतीय सुरक्षा बलों में राज्य में बड़े पैमाने पर बचाव कार्य किए.

राजधानी श्रीनगर तक के मुख्य इलाके पानी में डूब गए और लोग बचाव टीमों के इंतज़ार में अपने घरों की छतों पर खड़े दिखे.
भारत का 29वां राज्य

सालों तक चले हिंसक आंदोलनों को बाद नए 29वें राज्य तेलंगाना को बनाने के लिए दो जून को आंध्र प्रदेश का विभाजन किया गया.

राज्य में हुए चुनावों के बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेता के चंद्रशेखर राव ने नए राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण किया.

राव और उनकी पार्टी ने अलग राज्य के लिए 14 सालों तक संघर्ष किया और नया राज्य बनाने के लिए इस आंदोलन को फैलाया.

तेलंगाना के लोगों ने नए राज्य के गठन की खुशी मनाई, जबकि सीमांध्र और रायलसीमा के लोगों ने निराशा व्यक्त की.
जो चले गए...लेखक एवं पत्रकार ख़ुशवंत सिंह (1915-2014)

वर्ष 2014 में भारत ने कई क्षेत्रों की विशिष्ट हस्तियों को खो दिया.

हिन्दी लेखक अमरकांत, मराठी कवि नामदेव ढसाल, कन्नड़ लेखक यूआर अनंतमूर्ति, अंग्रेजी लेखक ख़ुशवंत सिंहइस साल हमारे बीच नहीं रहे.

प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना सितारा देवी, कार्टूनिस्ट प्राण, फ़िल्म कलाकार देवेन वर्मा, तमिल फ़िल्म निर्माता-निर्देशक के बालचंदर का भी इस साल निधन हुआ.

न्यायविद एवं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वीआर कृष्णा अय्यर और पत्रकारबीजी वर्गीज भी हमारे बीच नहीं रहे.

योग गुरु बीकेए अयंगर का 20 अगस्त को 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. भारत के बाहर ख़ासकर अमरीका में योग को लोकप्रिय बनाने का श्रेय अयंगर को दिया जाता है.

Tuesday 30 December 2014

क्या है एक्साइज ड्यूटी



क्या है एक्साइज ड्यूटी

एक्साइज टैक्स या एक्साइज ड्यूटी एक ऐसा टैक्स है जो देश के अंदर गुड्स के प्रोडक्शन और उसकी बिक्री पर लगता है। अब इस टैक्स को सेन्ट्रल वैल्यू ऐडेड टैक्स (CENVAT) के नाम से जाना जाता है। इसकी सहायता से सरकार के लिए अधिक से अधिक रेवेन्यू जनरेट किया जाता है, ताकि सार्वजनिक सर्विसेस में उसका इस्तेमाल किया जा सके।

मुख्य बातें


-एक्साइज ड्यूटी 26 जनवरी 1944 को अस्तित्व में आया था।

-1957 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री टी टी कृष्णामाचारी ने एक्साइज ड्यूटी को 400 फीसदी तक बढ़ा दिया था।

पिछले बजट में कितनी थी एक्साइज ड्यूटी

- एक्साइज ड्यूटी के रेट 12 प्रतिशत को बरकरार रखा गया।

भारत में तीन प्रकार की सेन्ट्रल एक्साइज ड्यूटी होती है-

बेसिक- एक्साइज ड्यूटी 1944 के सेन्ट्रल एक्साइज एंड साल्ट एक्ट के सेक्शन 3 के तहत नमक को छोड़कर भारत में बनाए गए अन्य सभी एक्साइजेबल गुड्स पर लगाया जाती है। यह टैक्स सेट्रल एक्साइज टैरिफ एक्ट, 1985 के तहत लगाया जाता है, जो बेसिक एक्साइज ड्यूटी की कैटेगरी में आते हैं।

एडीशनल- एडीशनल ड्यूटीज ऑफ एक्साइस एक्ट 1957 के सेक्शन 3 के तहत इसमें लिस्टेड गुड्स पर एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है। यह टैक्स केंद्र और राज्य सरकार के बीच में बंट जाता है, जिसे सेल्स टैक्स से अलग लगाया जाता है।

स्पेशल- इसके तहत कुछ स्पेशल तरह के वस्तुएं आती हैं, जिन पर एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है। जिन भी स्पेशल वस्तुओं पर एक्साइज ड्यूटी लगाई जानी है, उनका उल्लेख पहले से ही फाइनेंस एक्ट में किया जाता है।

एक्साइजेबल गुड्स क्या हैं

एक्साइजेबल गुड्स वह सारी वस्तुएं हैं जो सेंट्रल एक्साइज टैरिफ एक्ट 1985 के पहले और तीसरे शेड्यूल के अंतर्गत आती हैं। इन सभी पर एक्साइज ड्यूटी लगती है, जिसमें नमक भी निहित है।

किसे एक्साइज ड्यूटी देना जरूरी है?

किसी भी वस्तु को बनाने या पैदा करने वाले व्यक्ति पर एक्साइज ड्यूटी लगती है। इसमें 3 तरह की पार्टी को मैन्युफैक्चरर कहा जा सकता है-

- जो खुद वस्तुओं को मैन्युफैक्चर करें।
- जो कर्मचारी रखकर उनसे मैन्युफैक्चरिंग करवाएं।
- जो किसी तीसरी पार्टी से गुड्स मैन्युफैक्चर करवाए।

क्या मैन्युफैक्चर की गई सभी वस्तुओं पर एक्साइज ड्यूटी देना जरूरी है?

यदि कोई वस्तु एक्साइज ड्यूटी के छूट की कैटेगरी में नहीं है तो उस पर एक्साइज ड्यूटी देना बहुत ही जरूरी है। उदाहरण के लिए निर्यात की गई वस्तुओं पर ड्यूटी नहीं लगाई जाती है। इसी तरह कुछ स्थितियों में एक्साइज ड्यूटी से छूट मिलती है जैसे किस तरह का कच्चा माल इस्तेमाल किया गया है, एक वित्त वर्ष में टर्नओवर क्या है, किस तरह की प्रक्रिया से वस्तु को बनाया गया है।

एक्साइज ड्यूटी न देने पर क्या होगा?

सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी के कई सारे सेक्शन के अनुसार टैक्स चोरी करने पर फाइन लगाया जा सकता है, जो कुल एक्साइज ड्यूटी की राशि का 25-50 प्रतिशत तक हो सकता है।

Wednesday 24 December 2014

पंडित मदन मोहन मालवीय से जुड़े कुछ किस्से

पंडित मदन मोहन मालवीय का व्यक्तित्व जुदा किस्म का था। वे कोई संकल्प कर लेते थे तो पूरी जिद के साथ उसे पूरा करते थे। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना। पढ़िए इससे जुड़े कुछ किस्से

1. कुंभ के मेले में मिली चंदे की प्रेरणा-

पंडित मदन मोहन मालवीय एक बार त्रिवेणी संगम पर कुंभ के मेले में थे। वहां उन्होंने लोगों को बताया कि वे काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना करना चाहते हैं। यह सुनकर एक वृद्धा सामने आई। उसने अपने योगदान के रूप में पंडित मालवीय को एक पैसा दिया। वहीं से पंडित मालवीय को यह प्रेरणा मिली कि वे चंदा इकट्‌ठा कर विश्वविद्यालय बना सकते हैं।

2. निजाम की जूती लेकर चारमीनार पहुंच गए -

पंडित मालवीय द्वारा 4 फरवरी 1916 को काशी हिंदू विश्वविद्यालय की नींव रख दी गई थी। लेकिन इसे विकसित करने के मकसद से चंदा जुटाने के लिए पंडित मालवीय पूरे देश का दौरा कर रहे थे। वे हैदराबाद पहुंचे। निजाम से मिले। लेकिन निजाम ने उन्हें मदद करने से इनकार कर दिया। पंडित मालवीय हार मानने वाले नहीं थे। वे जिद पर अड़े रहे। इस पर निजाम ने कहा कि मेरे पास दान में देने के लिए सिर्फ अपनी जूती है। पंडित मालवीय राजी हो गए। महामना निजाम की जूती ले गए और हैदराबाद में चारमीनार के पास उसकी नीलामी लगा दी। निजाम की मां चारमीनार के पास से बंद बग्‍घी में गुजर रही थीं। भीड़ देखकर जब उन्होंने पूछा तो पता चला कि कोई जूती 4 लाख रुपए में नीलाम हुई है और वह जूती निजाम की है। उन्हें लगा कि बेटे की जूती नहीं इज्‍जत बीच शहर में नीलाम हो रही है। उन्होंने फौरन निजाम काे सूचना भिजवाई। निजाम ने पंडित मालवीय को बुलवाया और शर्मिंदा होकर बड़ा दान दिया।

एक और कहानी यह है कि निजाम के इनकार के बाद जब पंडित मालवीय महल से बाहर आए तो पास ही एक शव-यात्रा गुजर रही थी। जिस व्यक्ति का निधन हुआ था वह हैदराबाद का धनी सेठ था। शव-यात्रा के दौरान गरीबों को पैसा बांटा जा रहा था। पंडित मालवीय ने भी हाथ आगे बढ़ा दिया। एक व्यक्ति ने उनसे कहा कि लगता तो नहीं कि आपको इस पैसे की जरूरत है। इस पर वे बोले- भाई क्या करूं? तुम्हारे निजाम के पास तो मुझे देने के लिए कुछ नहीं है। खाली हाथ काशी लौटूंगा तो क्या कहूंगा कि निजाम ने कुछ नहीं दिया? ... इसके बाद निजाम ने उन्हें बुलवाया और मदद की। पेशावर से लेकर कन्‍याकुमारी तक महामना ने विश्वविद्यालय के लिए करीब एक करोड़ 64 लाख रुपए का चंदा इकट्‌ठा किया था।

3. दिनभर में जितनी जमीन नापी, उतनी दान में मिली

दान के साथ-साथ पंडित मालवीय को विश्वविद्यालय के लिए जमीन की भी दरकार थी। एक बार वे काशी नरेश के गंगा स्नान के समय घाट पर पहुंच गए। काशी नरेश डुबकियां लगाकर बाहर आए तो मालवीयजी ने जमीन मांग ली। नरेश ने कहा कि दान तो दूंगा लेकिन एक शर्त है कि सूरज ढलने तक लंबाई-चौड़ाई में जितनी जमीन पैदल चलकर नाप सकेगो, उतनी ही जमीन मिलेगी। पंडित मालवीय राजी हो गए। जितना हो सका, उतनी जमीन नाप ली और विश्वविद्यालय के लिए दान में ले ली।

4. जब 155 भारतीयों को फांसी से बचाया

मालवीयजी ने 1893 में कानून की पढ़ाई पूरी की। फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत करने लगे। 4 फरवरी 1922 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले स्थित चौरी चौरा थाने को दो हजार से ज्यादा गांव वालों ने घेर लिया। ब्रिटिश राज के दमन के विरोध में उन्होंने थाने में आग लगा दी। इसमें 24 सिपाही जलकर मर गए। इस मामले में अंग्रेज हुकूमत ने 170 भारतीयों को फांसी की सजा सुनाई। लेकिन 151 लोगों को पंडित मालवीय ने कानूनी मुकदमा जीतकर फांसी से बचा लिया।

Photo

भारत रत्न

भारत रत्न

भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है 'भारत रत्न'। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान 1955 में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात 12 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या 11 मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है।


पदक

मूल रूप में इस सम्मान के पदक का डिजाइन 35 मिमि गोलाकार स्वर्ण मैडल था। जिसमें सामने सूर्य बना था, ऊपर हिन्दी में भारत रत्न लिखा था और नीचे पुष्प हार था। और पीछे की तरफ राष्ट्रीय चिह्न था। फिर इस पदक के डिजाइन को बदल कर तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया। जिसके नीचे चांदी में लिखा रहता है 'भारत रत्न' और यह सफेद फीते के साथ गले में पहना जाता है।

अब तक 43 व्यक्तियों को इस रत्न से सम्मानित किया जा चुका है।

सम्मानित व्यक्तित्व

1. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन - 1954
2. चक्रवर्ती राजगोपालाचारी- 1954
3. डॉक्टर चन्द्रशेखर वेंकटरमण- 1954
4. डॉक्टर भगवान दास- 1955
5. सर डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेक्ष्वरय्या- 1955
6. पं. जवाहर लाल नेहरु- 1955
7. गोविंद वल्लभ पंत- 1957
8. डॉ. धोंडो केशव कर्वे - 1958
9. डॉ. बिधन चंद्र रॉय- 1961
10. पुरुषोत्तम दास टंडन- 1961
11. डॉ. राजेंद्र प्रसाद- 1962
12. डॉ. जाकिर हुसैन- 1963
13. डॉ. पांडुरंग वामन काणे- 1963
14. लाल बहादुर शास्त्री- 1966
15. इंदिरा गांधी- 1971
16. वराहगिरी वेंकट गिरी- 1975
17. के.कामराज - 1967
18. मदर टेरेसा- 1980
19. आचार्य विनोबा भावे- 1983
20. खान अब्दुल गफ्फार खान - 1987
21. एम जी आर- 1988
22. डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर- 1990
23. नेल्सन मंडेला- 1990
24. राजीव गांधी- 1991
25. सरदार वल्लभ भाई पटेल- 1991
26. मोरारजी देसाई - 1991
27. मौलाना अबुल कलाम आजाद- 1992
28. जेआरडी टाटा- 1992
29. सत्यजीत रे- 1992
30. अब्दुल कलाम- 1997
31. गुलजारी लाल नंदा- 1997
32. अरुणा आसफ अली- 1997
33. एम एस सुब्बुलक्ष्मी- 1998
34. सी सुब्रामनीयम- 1998
35. जयप्रकाश नारायण- 1998
36. पं. रवि शंकर- 1999
37. अमृत्य सेन- 1999
38. गोपीनाथ बोरदोलोई- 1999
39. लता मंगेशकर- 2001
40. उस्ताद बिस्मिल्लाह खां- 2001
41. पं.भीमसेन जोशी- 2008
42. सी.एन.आर.राव- 2013
43. सचिन तेंदुलकर- 2013

2014 के सम्मानित व्यक्तित्व होंगे

अटल बिहारी वाजपेयी
मदन मोहन मालवीय




मदन मोहन मालवीय

मदन मोहन मालवीय

मदन मोहन मालवीय को बुधवार को भारत रत्न देने की घोषणा कर दी गई. मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को इलाहाबाद में हुआ था. 1884 में इन्होंने बीए की डिग्री हासिल की और उसी साल कुमारी देवी से इन्होंने मिर्जापुर में शादी भी की. आइए जानते हैं

मालवीय के बारे में 12 खास बातें...

पहले ऐसे शख्स जिन्हें मिली महामना की उपाध‍ि

1. मालवीय बचपन से अपने पिता की तरह भागवत की कहानी कहने वाले यानी कथावाचक बनना चाहते थे मगर गरीबी के कारण उन्हें 1884 में सरकार विद्यालय में शिक्षक की नौकरी करनी पड़ी.

2. पूरे भारत में ये अकेले ऐसे शख्स हैं जिन्हें महामना की उपाध‍ि दी गई.

3.1930 के सविनय अवज्ञा आंदोलन में ब्रिटिश सरकार ने उन्हें 144 धारा का उल्लंघन करने के कारण गिरफ्तार कर लिया था.

4. डा. राधा कृष्णन ने मालवीय के संघर्ष और परिश्रम के कारण उन्हें कर्मयोगी कहा था.

5. 1898 में सर एंटोनी मैकडोनेल के सम्मुख हिंदी भाषा की प्रमुखता को बताते हुए, कचहरियों में इस भाषा को प्रवेश दिलाया.

6. मदन मोहन मालवीय के बारे में जब भी बात की जाती है तो बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) का जिक्र जरूर किया जाता है.
इन्होंने इसकी स्थापना 1916 में की.

7. मालवीय 1919 से 1938 तक बीएचयू के वाइस चांसलर रहे.

8. वे चार बार 1909,1918, 1930, 1932 में कांग्रेस के अध्यक्ष रहे.

9. 1924 से 1946 तक वे हिंदुस्तान टाइम्स के चेयरमैन रहे.

10. मालवीय ने रथयात्रा के मौके पर कलाराम मंदिर में दलितों को प्रवेश दिलाया था और गोदावरी नदी में हिंदू मंत्र का जाप करते हुए स्नान के लिए भी प्रेरित किया.

11. 'द लीडर' अंग्रेजी अखबार की 1909 में स्थापना की. जो इलाहाबाद से प्रकाशित होता था.

12. मालवीय 1961 तक मेंबर ऑफ पार्लियामेंट रहे.

Pndit Madan Mohan Malaviya



Pndit Madan Mohan Malaviya

Pndit Madan Mohan Malaviya was born in the year 1861 and died in the 1946. He was a great Indian educationist and freedom fighter, distinguished from others for his significant role in the Indian independence and his support of Hindu nationalism. In his later life he was addressed as a Mahamana for his great workings.


He became the Indian National Congress President four times. He is remembered in the world as the founder of Asia’s largest residential university at Varanasi, the Banaras Hindu University in 1916. The University has around 12,000 students all across the field such as the arts, sciences, engineering and technology. He was the Vice Chancellor of BHU from 1919 to 1938. He was also the founders of Scouting in India as well as a highly influential English newspaper, “The Leader” which was published from Allahabad in 1909.

Prime Minister of India, Dr. Manmohan Singh has announced on Dec 2011 (on his 150th birthday anniversary) that a Centre will be opened for Malviya Studies at BHU apart from the scholarships and educational awards in his memory. Pandit Madan Mohan Malaviya remained the Hindustan Times’s Chairman from 1924 to 1946.

Early life

He was born at Allahabad, Uttar Pradesh on 25th December in the year 1861 in a Brahmin family. He was the 5th child (five brothers and two sisters) of his parent (Brijnath and Moona Devi). His great ancestors were well known for the Sanskrit scholarship called as the Malwa that’s why he is also known as the Malviya.

Education

He began his education in Sanskrit at the age five and went to the Pandit Hardeva’s Dharma Gyanopadesh Pathshala for completing primary education and went to another school run by the Vidha Vardini Sabha. He joined the Allahabad District School and started writing poems which were later published in the journals and magazines. In 1879, he was matriculated from the Allahabad University (Muir Central College) and completed his B.A. degree from Calcutta University. He got scholarship as his family had been facing the financial hardships.

Career

After his M.A. degree in Sanskrit, his father required him to handle the family profession of Bhagavat recital. He started his career as a teacher in Allahabad District School in 1884. In July 1887, he joined as an editor of the nationalist weekly and left his teaching job. Later, he joined the L.L.B. and after his law degree he began his law practice at the Allahabad District Court in the year of 1891 and then High Court in Dec 1893.

He became the Indian National Congress president four times in 1909, 1918, 1930 and 1932. He had started the Scouting inspired organization known as the Seva Samithi. He appeared in the court for saving 177 freedom fighters in the Chouri-choura case. He met with the Annie Besant in 1911 and determined to work on a common Hindu University at Benares. Pandit Madan Mohan Malaviya remained Imperial Legislative Council’s member from 1912 to 1926 (in 1919 it was transformed into the Central Legislative Assembly).

He was selected as the Congress President when Sarojini Naidu got arrested. He joined the group Lala Lajpat Rai, Jawaharlal Nehru and many others in order to protest against the Simon Commission in 1928. He has popularized the Satyameva Jayate (Truth alone will triumph) slogan. He became the Chairman of Hindustan Times from 1924 to 1946.

Social work

He worked in society on many important fields and he tried to eradicate the caste barrier in temples and other social barriers. Because of his Social works for Dalit areas, he get expelled by the ShriGaud Brahmin. He had organized the entry of Hindu Dalit in the Kalaram Temple on the Rath Yatra day and took a dip in the Godavari River by chanting the Hindu mantras.

Legacy

At the entry gate of BHU, there is a Statue of Pandit Madan Mohan Malviya. Malviya Nagar located at different places (like Allahabad, Bhopal, Durg, Lucknow, Delhi, and Jaipur) is named after him. Malaviya National Institute of Technology of Jaipur and Madan Mohan Malaviya Engineering College in Gorakhpur is also named after him. He got married in 1878 aged sixteen years to the Kundan Devi of Mirzapur. They had five sons and five daughters (four sons of them are Ramakant, Mukund, Radhakant, Govind and two daughters of them are Rama and Malati lived).

His youngest son, Pt. Govind Malaviya was the Freedom Fighter and a Member of Parliament of India till his death in 1961. He was the only who became the Vice-Chancellor at BHU. The granddaughter in-law of him (Smt Saraswati Malviya) lives in the Allahabad with her daughters.

Awards and Recognitions

A freedom fighter and educationist, Pandit Madan Mohan Malaviya, was posthumously (after his death) awarded with the highest civilian award of the India, the Bharat Ratna, on 24th of December in 2014 for his great works. Bharat Ratna was awarded to him on 24th of Dec means a day before to his birthday (25th of Dec).

Monday 8 December 2014

GK for Banking in Hindi

GK for Banking

1. एशियाई विकास बैंक का मुख्यालय कहाँ स्थित है – मनीला (फिलीपींस)

2. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की स्थापना कब की गई थी – 1988 में

3. भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक) की स्थापना कब की गई – 1 जनवरी, 1982

4. आर्थिक नियोजन किस सूची का विषय है? – समवर्ती सूची का

5. प्लास्टिक मनी क्या है? – क्रेडिट कार्ड

6. राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान कहां है – हैदराबाद में

7. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर कौन हैं? – रघुराम राजन

8. भारत का सबसे पहला बैंक कौन-सा था? – बैंक ऑफ हिंदुस्तान

9. योजना में कोर सेक्टर का क्या तात्पर्य है? – चयनित आधारभूत उद्योग

10. बंद अर्थव्यवस्था का क्या अर्थ है? – आयात-निर्यात की अनुपस्थिति

11. किस पुरस्कार को नोबेल पुरस्कार के एशिया संस्करण के रूप में माना जाता है? – तांग पुरस्कार

12. 17वें एशियाई खेलों का विषय है – एशिया के भविष्य से मिलो

13. किस राज्य सरकार ने पहली पीढ़ी के उद्यमियों के लिए एंजेल फंड की शुरुआत की है? – असम

14. स्कॉटलैंड स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े नेता है – एलेंक्ज सालमंड

15. चुमार सीमा क्षेत्र जहां से चीनी सैनिकों ने भारत में घुसपैठ की, किस राज्य में है? – जम्मू और कश्मीर

16. अलीबाबा ने हाल ही में आईपीओं में 25 अरब डॉलर जुटाए हैं। यह किस देश से संबंधित है? – चीन (अलीबाबा चीन की ई वाणिज्य कंपनी है।)

17. बाजपेयी पैनल किससे संबंधित है? – पेंशन प्रणाली के लिए निवेश के दिशा निर्देशों की समीक्षा के लिए

18. टाइम पत्रिका द्वारा किस भारतीय को कल के युवा नेता के रूप में नामित किया गया है? – आलोक शेट्टी

19. सरकार द्वारा शुरु की गई FASTag परियोजना किससे संबंधित है? – इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह

20. शी जिनपिंग जिन्होंने हाल ही में भारत का दौरा किया, किस देश के राष्ट्रपति हैं? – चीन

21. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का मुख्यालय कहां है? – वाशिंगटन

22. भारत में विदेशी मुद्रा पर किसका नियंत्रण है – रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया

23. भारत की राष्ट्रीय आय की गणना की जाती है – केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन द्वारा

24. भारत में योजना आयोग का गठन कब हुआ था? – 1950 में

25. विश्व बैंक का मुख्यालय कहाँ स्थित है – वाशिंगटन डी. सी.

26. भारत सरकार ने पहली बार बैंकों का (14 बैंकों का) राष्ट्रीयकरण कब किया था? – 19 जुलाई, 1969 को

27. पूर्ण रूप से प्रथम भारतीय बैंक कौन-सा था? – पंजाब नेशनल बैंक

28. एशियाई विकास बैंक का मुख्यालय कहां स्थित है – मनीला

29. स्टैगफ्लेशन क्या है? – मंदी के साथ मुद्रास्फीति

30. केंद्रीय राजस्व बोर्ड का विभाजन करके केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क बोर्ड एवं केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड का गठन किस वर्ष किया गया था – 1963 ई. में




1. करेंसी एंड फाइनेंस पर वार्षिक रिपोर्ट का प्रकाशन किया जाता है – रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा

2. भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना – वर्ष 1935 में

3. नरसिंहमन समिति ने देश में बैंकिंग ढांचे को कितने स्तरीय बनाने की संस्तुति की थी? – चार

4. राष्ट्रीय आवास बैंक की स्थापना – वर्ष 1988

5. दस रुपये के नोट पर हस्ताक्षर होते हैं – रिजर्व बैंक के गवर्नर के

6. भारत में करेंसी नोट जारी करता है – रिजर्व बैंक

7. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की स्थापना हुई थी – 1988 में

8. मंदड़िया व तेजड़िया शब्दावली संबंधित है – शेयर बाजार से

9. दलाल स्ट्रीट स्थित है – मुंबई में

10. भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेन्ज है – बम्बई स्टॉक एक्सचेंज

11. भारत का सबसे बड़ा म्यूचुअल फंड संगठन – यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI)

12. वास्तविक राष्ट्रीय आय दर्शाती है – स्थिर कीमतों पर राष्ट्रीय आय

13. भारतीय अर्थव्यवस्था का कौन-सा क्षेत्र सकल राष्ट्रीय उत्पादन में सबसे अधिक योगदान करता है – तृतीयक क्षेत्र

14. केंद्र सरकार को सबसे अधिक शुद्ध राजस्व मिलता है – एक्साइज ड्यूटी से

15. भारत में पहली औद्योगिक नीति की घोषणा की गई थी – 1 जनवरी, 1951 को

16. सामान्यतः बैंक जिस दर से कम पर उधार नहीं दे सकते हैं, उस दर को कहते हैं – आधार दर

17. ग्रामीण टेक्नालॉजी संबंधी स्वायत्त संगठन का नाम – CAPART

18. जब किसी बैंक को, आरबीआई अधिनियम की दूसरी अनुसूची में शामिल किया जाता है, तब उसे कहते हैं – अनुसूचित बैंक

19. बैंकों और वित्तीय संस्थानों में समान डाटा संचार के लिए RBI द्वारा शुरू किया गया नेटवर्क है – बैंकनेट

20. भारत में बैंकों का राष्ट्रीयकरण कितने चरणों में हुआ था – 2 चरणों में

21. वह पहली समिति जिसने बैंकिंग प्रणाली के यंत्रीकरण से संबंधित सिफारिशें दी – रंगराजन समिति

22. बंद अर्थव्यवस्था वह अर्थव्यवस्था है जिसमें – न तो निर्यात और न ही आयात होता है

23. केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन का मुख्य कार्य – अनुमानित राष्ट्रीय आय प्रकाशित करना

24. टोबिन टैक्स चार्ज किया जाने वाला कर है – विदेशी मुद्रा में लेनदेन

25. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को स्थापित किया गया था – वर्ष 1975

26. स्वर्ण कोटा से आशय है – आईएमएफ द्वारा अपने सदस्यों को दी गई एक क्रेडिट प्रणाली

27. नियर मनी का उदाहरण है – ट्रेजरी बिल

28. चेक उदाहरण है – क्रेडिट मनी का

29. भारत में ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए जिस संगठन/एजेंसी का गठन
किया गया है – नाबार्ड

30. भारत में जिस एजेंसी/संगठन द्वारा औद्योगिक उत्पादन के डाटा का संकलन किया जाता है – केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय