Thursday, 26 February 2015

जानिए, बजट से जुड़ीं कुछ बातें



जानिए, बजट से जुड़ीं कुछ अहम बातें

भारतीय इतिहास का पहला बजट

भारत में बजट पेश करने की परंपरा इस्ट-इंडिया कंपनी ने शुरू की। कंपनी ने 7 अप्रैल 1860 को बजट पेश किया था। आजादी से पहले अंग्रेजों के शासनकाल में पहला बजट तत्कालीन वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने 1860 में पेश किया था।


बजट पेपर्स कहां छपते हैं?

शुरू में बजट पेपर्स राष्ट्रपति भवन में छपे थे। बाद में प्रिंटिंग स्थल को नई दिल्ली, मिंटो रोड स्थानांतरित किया गया। 1980 से बजट पेपर्स नॉर्थ ब्लॉक में छपते हैं। बजट पेश करने से एक हफ्ता पहले वित्त मंत्रालय के पब्लिशर्स को प्रेस एवं अन्य स्रोतों से अलग रखा जाता है।

आजाद भारत में पहला बजट

भारत के आजाद होने के बाद पहला बजट भारत के पहले वित्त मंत्री शानमुखम चेट्टी ने नवंबर 1947 में पेश किया। इस बजट में किसी तरह के टैक्स के प्रस्तावों को शामिल नहीं किया गया था।

भारत की पहली संसद के समक्ष पेश बजट

भारत की नई गठित संसद के समक्ष पहला बजट सीडी देशमुख ने पेश किया था। वह आरबीआई के पहले भारतीय गवर्नर थे और 1950 से 1956 तक वित्त मंत्री रहे।

बजट की भाषा

पहले बजट पेपर्स अंग्रेजी में ही छपते थे। 1955 के बाद से बजट पेपर्स हिंदी में भी छपने शुरू हो गए।

ब्लैक बजट

1973-74 के बजट को ब्लैक बजट के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसमें 550 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया गया था।

बजट पेश करने वाली पहली महिला

1979 में मुरारी जी देसाई ने इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद इंदिरा गांधी भारती की पहली वित्त मंत्री बनीं। उनके बाद से अब तक कोई भी महिला वित्त मंत्री नहीं बनी हैं।

बजट में कॉर्पोरेट टैक्स

वी.पी.सिंह के सरकार से इस्तीफा देने के बाद 1987 में राजीव गांधी ने बजट पेश किया था। उन्होंने बजट में कॉर्पोरेट टैक्स को परिचित कराया।

बजट में सर्विस टैक्स, विदेशी निवेश

1991 में एनडीए सरकार के वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने अंतरिम बजट पेश किया। इसी साल कांग्रेस फिर से सत्ता में आई और मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री बनाया। 1991 में उन्होंने सर्विस टैक्स और विदेशी निवेश प्रस्ताव के कॉन्सेपट पेश किया।

बगैर बहस के बजट पेश किया गया

आई.के.गुजराल के प्रधानमंत्री काल के दौरान संवैधानिक संकट उत्पन्न हो जाने के बाद 1996 में पी.चिदंबरम ने बगैर बहस के बजट पेश किया। एक साल बाद फिर उन्होंने ‘ड्रीम बजट’ का प्रस्ताव रखा।

बजट पेश करने का समय

साल 2000 तक केंद्रीय बजट की घोषणा 5 बजे शाम में की जाती थी लेकिन यशवंत सिन्हा ने 2001 में 11 बजे दिन में बजट की घोषणा कर नई परंपरा शुरू की।

बजट में कल्याणकारी स्कीमें

2001 के बजट में सर्व शिक्षा अभियान प्रोग्राम की घोषणा की गई। उस समय देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, जेंडर बजट और नरेगा की घोषणा 2005-06 के बजट में की गई।

सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री

सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री मोरारीजी देसाई थे। उन्होंने 10 बार बजट पेश किया। उनके बाद प्रणब मुखर्जी, पी.चिदंबरम, यशवंत सिन्हा, वाई.बी.चौहान और सीडी देशमुख हैं, इन सभी ने सात-सात बार बजट पेश किया। मनमोहन सिंह और टीटी कृष्णमचारी ने 6-6 बार बजट पेश किया। आर.वेंकटरमन और एच.एम.पटेल ने तीन-तीन बजट पेश किए। सबसे कम बार जसवंत सिंह, वी.पी.सिंह, सी.सुब्रमण्यम, जॉन मथाई और आर.के.शानमुखम ने दो-दो बार बजट पेश किया।

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