अमेरिका की जटिल चुनाव प्रक्रिया को समझना जरूरी है
1- अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव 51 छोटे-छोटे चुनाव हैं। 50 राज्यों और एक अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन का चुनाव। हर राज्य में पॉप्युलर वोट के जरिए कुछ सदस्यों का चुनाव होता है जो दिए गए कैंडिडेट में किसी एक का समर्थन करते हैं। इलेक्टोरल कॉलेज में 538 सदस्य हैं। हर राज्य की जनसंख्या के हिसाब से उनके इलेक्टोरल सदस्य होते हैं। ठीक उसी तरह से जैसे भारत में लोकसभा में सांसद होते हैं।
2.हाउस ऑफ रेप्रिज़ेंटटिव में हर राज्य के सदस्यों का एक इलेक्टोरल होता है और दूसरा राज्य के दो सिनेटर के लिए। अमेरिका के हर राज्य में 2 सिनेटर होता है फिर चाहे उनकी जनसंख्या कितनी भी हो।
3.जादुई आंकड़ा 270 वोटों का है। राष्ट्रपति वही बनेगा जो 538 इलेक्टोरल वोटों में से कम से कम 270 वोट हासिल कर लेगा।
4.सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य कैलिफॉर्निया में 55 इलेक्टोरल हैं, टेक्सस में 38, न्यू यॉर्क और फ्लॉरिडा में 29 इलेक्टोरल। तो वहीं सबसे कम जनसंख्या वाले अलास्का, डेलवेयर, वर्मॉन्ट और वायोमिंग में सिर्फ 3 इलेक्टोरल है।
5.इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्य आधिकारिक तौर पर 19 दिसंबर को राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। लेकिन उससे पहले ही नतीजे पता चल जाते हैं क्योंकि डेमोक्रैट्स और रिपब्लिकन, दोनों ही पार्टियां हर राज्य में इलेक्टोरल कॉलेज में अपने सदस्यों की सूची देती हैं। ये इलेक्टोरल पार्टी अधिकारी होते हैं जो अपने राज्य में जीतने वाले सदस्य के पक्ष में वोट करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं।
6.अमेरिका की चुनावी प्रक्रिया भारत से बिल्कुल अलग है। कई बार एक उम्मीदवार ज्यादा पॉप्युलर वोट जीतने के बाद भी चुनाव हार जाता है क्योंकि इलेक्टोरल कॉलेज की भूमिका अहम होती है।
7.सभी राज्यों को कुछ निर्वाचक मिलते हैं जो कांग्रेसमैन या सिनेटर्स होते हैं। जाहिर है बड़े राज्यों के पास ज्यादा निर्वाचक होते हैं। लेकिन दो राज्यों- मेन और नेब्रास्का की भूमिका बड़ी होती है। यदि आप कैलिफोर्निया में 60 पर्सेंट वोट हासिल करते हैं तो आपके पास राज्य के सभी इलेक्टर्स आ गए। उदाहरण के लिए 2012 में ओबामा ने राष्ट्रीय स्तर पर 51 पर्सेंट वोट हासिल किया था, जबकि यह 61 पर्सेंट इलेक्टोरल कॉलेज वोट में तब्दील हुआ था।
8.एक तरफ जहां भारत में वोट देने की प्रक्रिया खत्म होने के बाद मतगणना की प्रक्रिया कई दिनों तक चलती है। वहीं, अमेरिका में जैसे ही किसी राज्य में मतदान खत्म होता है वहां, वोटों की गिनती शुरू हो जाती है। साथ ही नतीजे भी पब्लिक में अनाउंस कर दिए जाते हैं।
9.जैसे-जैसे राज्यों से चुनाव के परिणाम आते जाते हैं एक चुनावी नक्शा तैयार हो जाता है। लाल रंग वाले राज्यों का मतलब रिपब्लिकन की जीत और नीला रंग डेमोक्रैट का प्रतिनिधित्व करता है। यह चुनावी नक्शा पार्टियों और उम्मीदवारों के प्रदर्शन की जानकारी देता है। नक्शा बताता है कि कौन कहां से जीत या हार रहा है।
10.अमेरिकी टेलिविजन एक-एक कर सभी राज्यों में विजेताओं की घोषणा करते हैं। यह घोषणा उनके वोट टैली, एग्जिट पोल और उनके खुद के प्रॉजेक्शन के साथ की जाती है। आमतौर पर डेमोक्रैट्स के गढ़ कैलिफॉर्निया के 55 इलेक्टरोल वोट के रिजल्ट से पहले ही चुनाव में जीत-हार तय हो चुकी होती है।
good article love to read it, for such info visit at: http://www.kidsfront.com/competitive-exams/general-knowledge-practice-test.html
ReplyDelete