Friday, 10 January 2014

Chromosome गुणसूत्र

Chromosome गुणसूत्र

गुणसूत्र या क्रोमोज़ोम (Chromosome) सभी वनस्पतियों व प्राणियों की कोशिकाओं में पाये जाने वाले तंतु रूपी पिंड होते हैं, जो कि सभी आनुवांशिक गुणों को निर्धारित व संचारित करते हैं। प्रत्येक प्रजाति में गुणसूत्रों की संख्या निश्चित रहती हैं। मानव कोशिका में गुणसूत्रों की संख्या ४६ होती है जो २३ के जोड़े में होते है। इनमे से २२ गुणसूत्र नर और मादा मे समान और अपने-अपने जोड़े के समजात होते है। इन्हें सम्मिलित रूप से समजात गुणसूत्र (Autosomes) कहते है। २३वें जोड़े के गुणसूत्र स्त्री और पुरूष में समान नही होते जिन्हे विषमजात गुणसूत्र (heterosomes) कहते है।

संरचना

गुणसूत्र की संरचना में दो पदार्थ विशेषत: संमिलित रहते हैं-

(1) डिआक्सीरिबोन्यूक्लीइक अम्ल (Deoxryibonucleic acid) या डी एन ए (D N A) , तथा

(2) हिस्टोन (Histone) नामक एक प्रकार का प्रोटीन।

डी एन ए ही आनुवंशिक (hereditary) पदार्थ है। डी ए न ए (D N A) अणु की संरचना में चार कार्बनिक समाक्षार सम्मिलित होते हैं : दो प्यूरिन (purines), दो पिरिमिडीन (pyrimidines), एक चीनी-डिआक्सीरिबोज (Deoxyribose) और फासफ़ोरिक अम्ल (Phosphoric acid)। प्यूरिन में ऐडिनिन (Adenine) और ग्वानिन (Guanine) होते है और पिरिमिडीन में थाइमीन (Thymine) और साइटोसिन (Cytosine)। डी एन ए (D N A) के एक अणु में दो सूत्र होते हैं, जो एक दूसरे के चारों और सर्पिल रूप में वलयित (spirallyicoiiled) होते है। प्रत्येक डी एन ए (D N A) सूत्र में एक के पीछे एक चारों कार्बनिक समाक्षार इस क्रम से होते हैं-थाइमीन, साइटोसिन, ऐडिनीन और ग्वानिन, एवं वे परस्पर एक विशेष ढंग से जुड़े होते हैं।

इन चार समाक्षारों और उनसे संबंधित शर्करा और फास्फोरिक अम्ल अणु का एक एकक टेट्रान्यूक्लीओटिड (Tetranucleotide) होता है और कई सहस्त्र टेट्रान्यूक्लीओटिडों का एक डी एन ए (D N A) अणु बनता है।
विभिन्न प्राणियों के डी एन ए की विभिन्नता का कारण है - समाक्षारों के अनुक्रम में अंतर होना। डी एन ए और ऐसा ही एक दूसरा न्यूक्लीइक अम्ल आर एन ए (R N A) कार्बनिक समाक्षार की उपस्थिति के कारण पराबैंगनी को अधिकांश 2,600 एंगस्ट्रॉम के क्षेत्र में अंतर्लीन (absorb) करते हैं। इसी आधार पर डी एन ए का एक कोशिका संबंधी मात्रात्मक आगमन किया जाता

No comments:

Post a Comment