Thursday, 16 January 2014

Stock market शेयर बाज़ार

Stock market शेयर बाज़ार

शेयर बाज़ार एक ऐसा बाज़ार है जहाँ कंपनियों के शेयर खरीदे-बेचे जा सकते हैं। किसी भी दूसरे बाज़ार की तरह शेयर बाज़ार में भी खरीदने और बेचने वाले एक-दूसरे से मिलते हैं और मोल-भाव कर के सौदे पक्के करते हैं। पहले शेयरों की खरीद-बिक्री मौखिक बोलियों से होती थी और खरीदने-बेचने वाले मुंहजबानी ही सौदे किया करते थे। लेकिन अब यह सारा लेन-देन स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटरों के जरिये होता है। इंटरनेट पर भी यह सुविधा मिलती है। आज स्थिति यह है कि खरीदने-बेचने वाले एक-दूसरे को जान भी नहीं पाते।
एक प्रकार से देखे तो यहा पे शेयरो की नीलामी होती है। अगर किसी को बेंचना होता है तो सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को ये शेयर बेंच दिया जाता है। या अगर कोई शेयर खरीदना चाह्ता है तो बेचने वालो मे से जो सबसे कम कीमत पे तैयार होता है उससे शेयर खरीद लिया जता है। शेयर मन्डी (जैसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज या नैशनल स्टॉक एक्सचेंज इस तरह कि बोलियाँ लगाने के लिये ज़रूरी सभी तरह कि सुविधाये मुहैया कराते है। सोचिये, एक दिन मे करोड़ो शेयरों का आदान-प्रदान होता है। कित्ना मुश्किल हो जाये अगर सभी कारोबरियोँ को चिल्ला चिल्ला के ही खरीदे और बेंचने वालो को ढूंढ्ना हो। अगर ऐसा हो तो शेयर खरीद्ना और बेंचना कमोबेश असम्भव हो जायेगा। शेयर मन्डियाँ इस काम को सरल और सही ढंग से करने का मूल्भूत ढांचा प्रदान करती है। कई प्रकार के नियम, कम्प्यूटर की मदत, शेयर ब्रोकर, इंटेर्नेट के मध्यम से ये मूल्भूत ढांचा दिया जाता है। असल मे शेयर बाज़ार एक बहुत ही सुविधाजनक सब्ज़ी मंडी से ज़्यादा कुछ भी नही है।

कुछ साल पहले तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज मे सीधे खरीद फरोख्त करनी पड़ती थी। पिछ्ले कुछ सालो से कोम्प्यूटरो और इंटर्नेट के माध्यम से कोई भी घर बैठे शेयर खरीद और बेंच सक्ता है। सूचना क्रांति का ये एक उत्क्रिश्ट नमुना है। जो काम पहले कुछ पैसे वाले लोग ही कर सक्ते थे अब वोह सब एक आम आदमी भी कर सक्ता है।

आजकल सभी शेयर डीमटीरिअलाइज़्ड होते है। शेयरो के अलावा निवेशक भारतीय म्यूचुअल फंड मे भी पैसा लगा सक्ते है।

आम ग्राहक को किसी डीमैट सर्विस देने वले बैंक मे अपना खाता खोलना पडता है। आजकल कई बैंक जैसे आइसीआइसीआइ, एच डी एफ सी, भारतीय स्टटे बैंक, इत्यादि डीमैट सर्विस देते है। इस तरह के खाते की सालाना फीस 500-800 रु तक होती है।

शेयर बाज़ार किसी भी विकसित देश की अर्थ्व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते है। जिस तरह से किसी देश, गाँव या शहर के विकास के लिये सडके, रेल यातायात, बिजली, पानी सबसे ज़रूरी होते है, वैसे हि देश के उद्योगोन के विकास के लिये शेयर बाज़ार ज़रूरी है। उद्योग धन्दोँ को चलाने के लिये कैपिटल चहिये होता है। ये उन्हे शेयर बाज़ार से मिल्ता ह ऐ। शेयर बाज़ार क ए माध्यम से हर आम आदमी बडे से बडे उद्योग मे अप्नि भागिदारी कर सक्ता है। इस तरह की भागिदारी से वोह बडे उद्योगोन मे होने वाले मुनाफे मे बराबर का हिस्सेदार बन सक्त है। मान लीजिये, अगर किसी भी नाग्रिक को ये लग्ता है कि आने वाले समय मे रिलायंस या इंफोसिस भारी मुनाफा कमाने वाली है, तो वह इस कम्पनियोन के शेयर खरीद के इस मुनाफेय मे भागईदार बन सक्ता है। और ऐसा कर्ने के लिये तो व्यवस्था चहिये वोह शेयर बाज़ार प्रदान कर्ता है। एक अछा शेयर बाज़ार इस बात का ख्याल रख्ता है कि किसी भी निवेशक को बराबर का मौका मिले।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज व नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के अलावा देश्भर मे 27 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज है|

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