Friday 6 December 2013

India's freedom movement भारत का स्वतंत्रता आन्दोलन



India's freedom movement भारत का स्वतंत्रता आन्दोलन




· भारत में राष्ट्रीय भावना का उदय 19वी सदी में हुआ. शिक्षित लोगों ने पाश्चात्य शिक्षा प्राप्त कर भारत में जन-आन्दोलन का प्रारंभ किया.

· 1885 में ए.ओ.ह्युम ने बम्बई में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की, इसके प्रथम अध्यक्ष डब्लू.सी.बनर्जी बनाये गए. तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड डफरिन था. लार्ड डफरिन ने कांग्रेस को"सेफ्टी वाल्व" कहा.

· बंगाल विभाजन (1905):- वायसराय लार्ड कर्जन ने राष्ट्रवादी गतिविधियों को रोकने के उद्देश्य से बंगाल को पूर्वी बंगाल तथा पश्चिम बंगाल (बिहार और ओडिशा) में बाँट दिया. विभाजन के दिन (15 अक्टूबर 1905) को शोक दिवस के रूप में मनाया गया.

· स्वदेशी आन्दोलन (1905) बंगाल विभाजन के विरोध में शुरू किया गया और विदेशी वस्तुओ का बहिस्कार किया गया.. राष्ट्रीय शिक्षा परिषद् का गठन किया गया और पूरे बंगाल में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए संस्थाओ की स्थापना की गयी.

· सूरत अधिवेशन (1907) में कांग्रेस का विभाजन गरमदल और नरमदल के रूप में हो गया.

· दिल्ली दरबार (1911):- वायसराय लार्ड हार्डिंग ने सम्राट जार्ज पंचम और महारानी मेरी को भारत बुलाया. दिल्ली दरबार में बंगाल विभाजन को रद्द किया गया और राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित किया गया.

· होमरूल आन्दोलन (1916):- आयरलैंड से प्रेरित होकर भारत में होमरूल आन्दोलन का शंखनादएनी बेसेंट ने किया. बाल गंगाधर तिलक ने महाराष्ट्र में होमरूल लीग का गठन किया..

· लखनऊ समझौता (1916) में कांग्रेस और मुस्लिम लीग ने एक साथ होकर डोमिनियन राष्ट्र के लिए संविधान तैयार किया.

· राष्ट्रवादी गतिविधियों के बढ़ते प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से ब्रिटिस सरकार ने रौलेट एक्टजैसे कानून को लागू किया. गाँधी जी व कई महत्वपूर्ण नेता गिरफ्तार किये गए जिनके विरोध में जलियावाला बाग़ में सभा का आयोजन किया गया.

· जलियावाला बाग़ (13 अप्रैल 1919 )में आयोजित सभा को विफल करने के लिए जनरल डायर ने सैनिक कार्यवाई की जिससे हजारो भारतीय शहीद हो गए. जलियावाला बाग़ हत्याकांड के विरोधस्वरुप रविंद्रनाथ टैगोर ने नाईटहुड की उपाधि त्याग दी. सरकार ने जांच के लिए हंटर कमीशनका गठन किया.

· खिलाफत आन्दोलन (1919) तुर्की में खलीफा का पद समाप्त करने के विरोध में भारतीय मुसलमानों ने मोहम्मद अली और शौकत अली के नेतृत्व में अंग्रेज शासन की विरुद्ध खिलाफत आन्दोलन का आगाज किया. काग्रेस के समर्थन के बाद इस आन्दोलन ने "असहयोग आन्दोलन" को बल दिया.

· असहयोग आन्दोलन (1920-22) के तहत शासकीय कार्यो में पूर्णतः असहयोग किया गया. शिक्षण संस्थाओ का बहिष्कार, कर अदायगी न करना, अदालतों का बहिष्कार आदि विरोध के साथ साथ कई रचनात्मक कार्य किये गए. ५ फरवरी १९२२ में चौरा-चौरी घटना के बाद गाँधी जी ने इसे वापस ले लिया.






महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्य (प्राचीन भारतीय इतिहास)


· महात्मा गौतम बुध्द को शाक्यमुनि एवं तथागत के नाम से भी जाना जाता है.

· गौतम बुध्द का जन्म " लुम्बनी " में तथा परिनिर्माण " कुशीनगर " में हुआ था.

· बौध्ध साहित्यों की भाषा मुख्यतः पाली थी.

· गौतम बुध्द का प्रथम उपदेश "धर्मचक्रप्रवर्तन" कहलाता है.

· मध्य एशिया और चीन में बौध्ध धर्म के प्रचार का श्रेय " कनिष्क " को जाता है.

· जैन धर्म में वर्णित त्रिरत्न १) सम्यक श्रध्दा २) सम्यक ज्ञान ३) सम्यक आचरण

· जैन धर्म ग्रन्थ प्राकृत भाषा में लिखे गये है.

· हर्यंक वंश का संथापक "बिम्बिसार" बुध्द का समकालीन था.

· अजातशत्रु के शासनकाल में 483 ई.पू. प्रथम बौध्ध संगीति का आयोजन किया गया.

· पाटलीपुत्र नगर की स्थापना हर्यंक वंश के शासक उदयन ने की थी.

· द्रविड़ वैष्णव भक्त अलवार कहलाते है.

· सिकंदर के आक्रमण के समय भारत का शासक "धनानंद" था.

· मौर्य वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य ने भारत में प्रथम अखिल भारतीय राज्य की स्थापना की.

· जूनागढ़ स्थित "सुदर्शन झील" का निर्माण चन्द्रगुप्त मौर्य ने किया था.

· अशोक ने राज्याभिषेक के 8वे वर्ष में कलिंग युध्द (261ई.पू.) से द्रवित होकर बौध्द धर्म स्वीकार कर लिया.

· मौर्य शासक अशोक को बौध्द धर्म से दीक्षित करने वाला भिक्षु "उपगुप्त" था.

· अशोक के अधिकांश शिलालेखों की लिपि " ब्राम्ही " है जबकि कुछ खरोष्ठी लिपि में है.

· अजंता की गुफाएं (महाराष्ट्र) बौध्द और जैन धर्म से भी सम्बंधित है.

· गुप्त वंश का संस्थापक " श्रीगुप्त " था जिसके सबसे प्रतापी राजा समुद्रगुप्त को भारत का नेपोलियनकहते है.

· समुद्रगुप्त के दरबारी कवि हरिषेण ने उनकी सफलताओं का वर्णन इलाहबाद प्रशस्ति में किया है.

· आयुर्वेद का विद्वान एवं चिकित्सक " धन्वन्तरी " चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के दरबार में था.

· नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना कुमारगुप्त ने की थी. नालंदा को 12वी सदी में मुहम्मद गौरी के सेनापति बख्तियार खिलजी ने नष्ट कर दिया था.

· पाल वंश का शासक गोपाल (750ई.) था इसी वंश के धर्मपाल ने " विक्रमशिला विश्वविद्यालय (भागलपुर, बिहार) " की स्थापना की थी.

· चालुक्य वंश के पुलकेशिन-II ने हर्षवर्धन को नर्मदा के तट पर पराजित किया जिसका उल्लेख एहोलप्रशस्ति में है.

· चोल वंश के शासक राजराज-I ने तंजौर (तमिलनाडु) में वृहदेश्वर मंदिर का निर्माण किया.

· महाबलीपुरम के रथ मंदिर का निर्माण " नरसिंहवर्मन-I " ने किया था.






भारतीय युध्दों का इतिहास

* हाइडेस्पीस का युध्द (326 ई.पू.) :- यूनान के आक्रमणकारी शासक सिकंदर और पंजाब के राजा पुरु के बीच झेलम नदी के तट पर लड़ा गया जिसमे पुरु पराजित हुए लेकिन सिकंदर ने उसकी वीरता से प्रभावित हो आगे बढ़ने से इन्कार कर दिया और वापस लौट गया .



* कलिंग युध्द (261 ई.पू.):- मौर्य शासक अशोक और कलिंग (उड़ीसा) के राजा के बीच हुआ लेकिन युध्द में मारे गए लोगों को देखकर अशोक का ह्रदय परिवर्तन हुआ और उसने कभी भी युध्द न करने का प्रण कर बौध्द धर्म अपना लिया.



* तराइन का प्रथम युध्द (1191ई.) :- मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच हुआ जिसमे पृथ्वीराज ने गौरी को पराजित किया था.



* तराइन का द्वितीय युध्द (1192ई.):- मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच हुआ जिसमे पृथ्वीराज को को पराजित कर गौरी ने भारत में मुस्लिम राज्य की स्थापना की.



* पानीपत का प्रथम युध्द (1526):- आक्रमणकारी मुग़ल शासक बाबर और दिल्ली के सुल्तान इब्राहीम लोधी के बीच हुआ जिसमे बाबर ने विजय प्राप्त कर मुग़ल वंश की नीवं भारत में रखी.



* खानवा का युध्द (1527) :- मेवाड़ के राणा सांगा और बाबर के बीच हुआ जिसमे बाबर ने सांगा को हराया. राजपूत राज्य कमजोर हुआ.



* पानीपत का द्वितीय युध्द (1556) :- अकबर के सेनापति बैरम खान और हिन्दू शासक हेमू के बीच हुआ जिसमें हेमू पराजित हो गया.



* हल्दीघाटी का युध्द (1576) : राणा प्रताप द्वारा अकबर का आधिपत्य न स्वीकारने के कारण हुआ जिसमे राणा प्रताप ने बहादुरी से युध्द किया लेकिन अंततः परास्त हो गया.



* प्लासी का युध्द (1757):- बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और अंग्रेज सेनापति क्लाइब के बीच हुआ जिसमे मीर जाफर और रायदुर्लभ के असहयोग के चलते सिराजुदौला हार गया. भारत में अंग्रेजी शासन की नीवं रखी.



* वांडीवाश का युध्द (1760) :- दक्षिण भारत मे फ़्रांसिसी एवं अंग्रेजों के बीच हुआ जिसमे फ़्रांसिसी पराजित हो गए और भारत में उनका शासन समाप्त हो गया.



* पानीपत का तृतीय युध्द (1761) :- अहमद शाह अब्दाली ने मराठों को पराजित किया और इससे भारत में मराठा शक्ति क्षीण हो गयी.





* बक्सर का युध्द (1764) :- अंग्रेजों ने मीर कासिम (बंगाल का नवाब), शुजाउद्दौला (अवध का नवाब) एवं शाह आलम-II की संयुक्त सेना को पराजित किया और भारत में सर्वशक्तिशाली हो गए.

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