Tuesday 1 September 2015

World Hindi Conference Special (हिन्दी भारत की मातृभाषा है। आज हम आजाद हैं )

10th World Hindi Conference Bhopal (M.P.) 10,11,12 September 2015

हिन्दी भारत की मातृभाषा है। आज हम आजाद हैं लेकिन फिर भी हिंदी को आजाद भारत में वह स्थान नहीं मिला जो इसे मिलना चाहिए था। विश्व हिंदी सम्मेलन है इस मौके पर आइए एक लहर पैदा करें अपनी मातृभाषा को सम्मान दिलाने के लिए.!

14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने निर्णय लिया कि हिंदी भारत की राजभाषा होगी, तभी से प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। लेकिन आज के दौर में हिंदी अपना अस्तित्व खोती जा रही है। आइए हम सब ये प्रण लें कि हम हिंदी बोलने में संकोच नहीं करेंगे और गर्व से हिंदी भाषा का उपयोग करेंगे..।



हिन्दी की विशेषताएँ एवं शक्ति



हिंदी भाषा के उज्ज्वल स्वरूप का ज्ञान कराने के लिए यह आवश्यक है कि उसकी गुणवत्ता, क्षमता, शिल्प-कौशल और सौंदर्य का सही-सही आकलन किया जाए। यदि ऐसा किया जा सके तो सहज ही सब की समझ में यह आ जाएगा कि -

1 संसार की उन्नत भाषाओं में हिंदी सबसे अधिक व्यवस्थित भाषा है।


2 वह सबसे अधिक सरल भाषा है।

3 वह सबसे अधिक लचीली भाषा है।

4 वह एक मात्र ऐसी भाषा है जिसके अधिकतर नियम अपवादविहीन है।

5 वह सच्चे अर्थों में विश्व भाषा बनने की पूर्ण अधिकारी है।

6 हिन्दी लिखने के लिये प्रयुक्त देवनागरी लिपि अत्यन्त वैज्ञानिक है।

7 हिन्दी को संस्कृत शब्दसंपदा एवं नवीन शब्द-रचना-सामर्थ्य विरासत में मिली है।
वह देशी भाषाओं एवं अपनी बोलियों आदि से शब्द लेने में संकोच नहीं करती। अंग्रेजी के मूल शब्द लगभग १०,००० हैं, जबकि हिन्दी के मूल शब्दों की संख्या ढाई लाख से भी अधिक है।

8 हिन्दी बोलने एवं समझने वाली जनता पचास करोड़ से भी अधिक है।

9 हिन्दी का साहित्य सभी दृष्टियों से समृद्ध है।

10 हिन्दी आम जनता से जुड़ी भाषा है तथा आम जनता हिन्दी से जुड़ी हुई है। हिन्दी कभी राजाश्रय की मोहताज नहीं रही।

11 भारत के स्वतंत्रता-संग्राम की वाहिका और वर्तमान में देशप्रेम का अमूर्त-वाहन

12 भारत की सम्पर्क भाषा

13 भारत की राजभाषा



                                                 हिन्दी की विशेषताएँ

हिंदी को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। इसे नागरी नाम से भी पुकारा जाता है। देवनागरी में 11 स्वर और 33 व्यंजन होते हैं और इसे बाएं से दायें और लिखा जाता है।


                                             हिन्दी की शैलियाँ

हिन्दी क्षेत्र तथा सीमावर्ती भाषाएँ


भाषाविदों के अनुसार हिन्दी के चार प्रमुख रूप या शैलियाँ हैं :


(१) उच्च हिन्दी - हिन्दी का मानकीकृत रूप, जिसकी लिपि देवनागरी है। इसमें संस्कृत भाषा के कई शब्द है, जिन्होंने फ़ारसी और अरबी के कई शब्दों की जगह ले ली है। इसे शुद्ध हिन्दी भी कहते हैं। आजकल इसमें अंग्रेज़ी के भी कई शब्द आ गये हैं (ख़ास तौर पर बोलचाल की भाषा में)। यह खड़ीबोली पर आधारित है, जो दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बोली जाती थी।



(२) दक्खिनी - हिन्दी का वह रूप जो हैदराबाद और उसके आसपास की जगहों में बोला जाता है। इसमें फ़ारसी-अरबी के शब्द उर्दू की अपेक्षा कम होते हैं।



(३) रेख़्ता - उर्दू का वह रूप जो शायरी में प्रयुक्त होता है।



(४) उर्दू - हिन्दी का वह रूप जो देवनागरी लिपि के बजाय फ़ारसी-अरबी लिपि में लिखा जाता है। इसमें संस्कृत के शब्द कम होते हैं, और फ़ारसी-अरबी के शब्द अधिक। यह भी खड़ीबोली पर ही आधारित है।

हिन्दी और उर्दू दोनों को मिलाकर हिन्दुस्तानी भाषा कहा जाता है। हिन्दुस्तानी मानकीकृत हिन्दी और मानकीकृत उर्दू के बोलचाल की भाषा है। इसमें शुद्ध संस्कृत और शुद्ध फ़ारसी-अरबी दोनों के शब्द कम होते हैं और तद्भव शब्द अधिक। उच्च हिन्दी भारतीय संघ की राजभाषा है (अनुच्छेद ३४३, भारतीय संविधान)। यह इन भारतीय राज्यों की भी राजभाषा है : उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली। इन राज्यों के अतिरिक्त महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब (भारत) और हिन्दी भाषी राज्यों से लगते अन्य राज्यों में भी हिन्दी बोलने वालों की अच्छी संख्या है। उर्दू पाकिस्तान की और भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर की राजभाषा है। यह लगभग सभी ऐसे राज्यों की सह-राजभाषा है; जिनकी मुख्य राजभाषा हिन्दी है।





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