Wednesday 1 January 2014

Hindu calendar हिन्दू पंचांग

हिन्दू पंचांग हिन्दू समाज द्वारा माने जाने वाला कैलेंडर है। इसके भिन्न-भिन्न रूप मे यह लगभग पूरे भारत मे माना जाता है। पंचांग नाम पांच प्रमुख भागों से बने होने के कारण है, यह है: पक्ष, तिथी, वार, योग और कर्ण। एक साल मे १२ महीने होते है। हर महिने मे १५ दिन के दो पक्ष होते है, शुक्ल और कृष्ण।पंचांग (पंच + अंग = पांच अंग) हिन्दू काल-गणना की रीति से निर्मित पारम्परिक कैलेण्डर या कालदर्शक को कहते हैं। पंचांग नाम पाँच प्रमुख भागों से बने होने के कारण है, यह है- तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण। इसकी गणना के आधार पर हिंदू पंचांग की तीन धाराएँ हैं- पहली चंद्र आधारित, दूसरी नक्षत्र आधारित और तीसरी सूर्य आधारित कैलेंडर पद्धति। भिन्न-भिन्न रूप में यह पूरे भारत में माना जाता है।

एक साल में १२ महीने होते हैं। प्रत्येक महीने में १५ दिन के दो पक्ष होते हैं- शुक्ल और कृष्ण। प्रत्येक साल में दो अयन होते हैं। इन दो अयनों की राशियों में २७ नक्षत्र भ्रमण करते रहते हैं।१२ मास का एक वर्ष और ७ दिन का एक सप्ताह रखने का प्रचलन विक्रम संवत से शुरू हुआ। महीने का हिसाब सूर्य व चंद्रमा की गति पैर रखा जाता है। यह १२ राशियाँ बारह सौर मास हैं। जिस दिन सूर्य जिस राशि मे प्रवेश करता है उसी दिन की संक्रांति होती है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा जिस नक्षत्र मे होता है उसी आधार पर महीनों का नामकरण हुआ है। चंद्र वर्ष, सौर वर्ष से ११ दिन ३ घड़ी ४८ पल छोटा है। इसीलिए हर ३ वर्ष मे इसमे एक महीना जोड़ दिया जाता है जिसे अधिक मास कहते हैं।

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